Islamic Poetry of Dagh Dehlvi (page 2)
नाम | दाग़ देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Dagh Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1831 |
मौत की तिथि | 1905 |
जन्म स्थान | Delhi |
ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम
फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं
दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने
देख कर जौबन तिरा किस किस को हैरानी हुई
डरते हैं चश्म ओ ज़ुल्फ़ ओ निगाह ओ अदा से हम
बुतान-ए-माहवश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैं
भला हो पीर-ए-मुग़ाँ का इधर निगाह मिले
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता
अच्छी सूरत पे ग़ज़ब टूट के आना दिल का
अभी हमारी मोहब्बत किसी को क्या मालूम
अब वो ये कह रहे हैं मिरी मान जाइए
आरज़ू है वफ़ा करे कोई