सितम-ईजाद के अंदाज़-ए-सितम तो देखो
सितम-ईजाद के अंदाज़-ए-सितम तो देखो
इम्तिहाँ इश्क़-ओ-हवस का ये नया रक्खा है
हर घड़ी आशिक़-ए-मुज़्तर से वो मिलती है शबीह
नक़्शा बिगड़ी हुई सूरत का बना रक्खा है
शिकवा-ए-हिज्र से ऐ 'दाग़' असर की उम्मीद
आप ने नाम शिकायत का दुआ रक्खा है
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