फ़सुर्दा-दिल कभी ख़ल्वत न अंजुमन में रहे
फ़सुर्दा-दिल कभी ख़ल्वत न अंजुमन में रहे
बहार हो के रहे हम तो जिस चमन में रहे
(1442) Peoples Rate This
फ़सुर्दा-दिल कभी ख़ल्वत न अंजुमन में रहे
बहार हो के रहे हम तो जिस चमन में रहे
(1442) Peoples Rate This