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साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें - दाग़ देहलवी कविता - Darsaal

साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें

साज़ ये कीना-साज़ क्या जानें

नाज़ वाले नियाज़ क्या जानें

शम्अ-रू आप गो हुए लेकिन

लुत्फ़-ए-सोज़-ओ-गुदाज़ क्या जानें

कब किसी दर की जब्हा-साई की

शैख़ साहब नमाज़ क्या जानें

जो रह-ए-इश्क़ में क़दम रक्खें

वो नशेब-ओ-फ़राज़ क्या जानें

पूछिए मय-कशों से लुत्फ़-ए-शराब

ये मज़ा पाक-बाज़ क्या जानें

बले चितवन तिरी ग़ज़ब री निगाह

क्या करेंगे ये नाज़ क्या जानें

जिन को अपनी ख़बर नहीं अब तक

वो मिरे दिल का राज़ क्या जानें

हज़रत-ए-ख़िज़्र जब शहीद न हों

लुत्फ़-ए-उम्र-ए-दराज़ क्या जानें

जो गुज़रते हैं 'दाग़' पर सदमे

आप बंदा-नवाज़ क्या जानें

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Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen In Hindi By Famous Poet Dagh Dehlvi. Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen is written by Dagh Dehlvi. Complete Poem Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen in Hindi by Dagh Dehlvi. Download free Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen Poem for Youth in PDF. Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen is a Poem on Inspiration for young students. Share Saz Ye Kina-saz Kya Jaanen with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.