Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_440872f580f58bd2e7dc66879424095e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मोहब्बत का असर जाता कहाँ है - दाग़ देहलवी कविता - Darsaal

मोहब्बत का असर जाता कहाँ है

मोहब्बत का असर जाता कहाँ है

हमारा दर्द-ए-सर जाता कहाँ है

दिल-ए-बेताब सीने से निकल कर

चला है तू किधर जाता कहाँ है

अदम कहते हैं उस कूचे को ऐ दिल

इधर आ बे-ख़बर जाता कहाँ है

कहूँ किस मुँह से मैं तेरे दहन है

जो होता तो किधर जाता कहाँ है

तिरे जाते ही मर जाऊँगा ज़ालिम

मुझे तू छोड़ कर जाता कहाँ है

हमारे हाथ से दामन बचा कर

अरे बेदाद-गर जाता कहाँ है

तिरी चोरी ही सब मेरी नज़र में

चुरा कर तू नज़र जाता कहाँ है

अगरचे पा-शिकस्ता हम हैं ऐ 'दाग़'

मगर क़स्द-ए-सफ़र जाता कहाँ है

(1142) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai In Hindi By Famous Poet Dagh Dehlvi. Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai is written by Dagh Dehlvi. Complete Poem Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai in Hindi by Dagh Dehlvi. Download free Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai Poem for Youth in PDF. Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Mohabbat Ka Asar Jata Kahan Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.