Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3d13853a19f8a3218a181e822f656ed2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
आप का ए'तिबार कौन करे - दाग़ देहलवी कविता - Darsaal

आप का ए'तिबार कौन करे

आप का ए'तिबार कौन करे

रोज़ का इंतिज़ार कौन करे

ज़िक्र-ए-मेहर-ओ-वफ़ा तो हम करते

पर तुम्हें शर्मसार कौन करे

हो जो उस चश्म-ए-मस्त से बे-ख़ुद

फिर उसे होशियार कौन करे

तुम तो हो जान इक ज़माने की

जान तुम पर निसार कौन करे

आफ़त-ए-रोज़गार जब तुम हो

शिकवा-ए-रोज़गार कौन करे

अपनी तस्बीह रहने दे ज़ाहिद

दाना दाना शुमार कौन करे

हिज्र में ज़हर खा के मर जाऊँ

मौत का इंतिज़ार कौन करे

आँख है तर्क-ए-ज़ुल्फ़ है सय्याद

देखें दिल का शिकार कौन करे

वअ'दा करते नहीं ये कहते हैं

तुझ को उम्मीद-वार कौन करे

'दाग़' की शक्ल देख कर बोले

ऐसी सूरत को प्यार कौन करे

(3036) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aap Ka Etibar Kaun Kare In Hindi By Famous Poet Dagh Dehlvi. Aap Ka Etibar Kaun Kare is written by Dagh Dehlvi. Complete Poem Aap Ka Etibar Kaun Kare in Hindi by Dagh Dehlvi. Download free Aap Ka Etibar Kaun Kare Poem for Youth in PDF. Aap Ka Etibar Kaun Kare is a Poem on Inspiration for young students. Share Aap Ka Etibar Kaun Kare with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.