Coupletss of Dagh Dehlvi (page 5)
नाम | दाग़ देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Dagh Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1831 |
मौत की तिथि | 1905 |
जन्म स्थान | Delhi |
हो चुका ऐश का जल्सा तू मुझे ख़त भेजा
हज़रत-ए-दिल आप हैं किस ध्यान में
हज़रत-ए-दाग़ जहाँ बैठ गए बैठ गए
हज़रत-ए-'दाग़' है ये कूचा-ए-क़ातिल उठिए
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़'
हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल
हसरतें ले गए इस बज़्म से चलने वाले
हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे
हमारी तरफ़ अब वो कम देखते हैं
ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
ग़श खा के 'दाग़' यार के क़दमों पे गिर पड़ा
ग़म्ज़ा भी हो सफ़्फ़ाक निगाहें भी हों ख़ूँ-रेज़
फ़सुर्दा-दिल कभी ख़ल्वत न अंजुमन में रहे
फ़लक देता है जिन को ऐश उन को ग़म भी होते हैं
इक अदा मस्ताना सर से पाँव तक छाई हुई
दुनिया में जानता हूँ कि जन्नत मुझे मिली
दिल में समा गई हैं क़यामत की शोख़ियाँ
दिल ले के उन की बज़्म में जाया न जाएगा
दिल ले के मुफ़्त कहते हैं कुछ काम का नहीं
दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं
दिल का क्या हाल कहूँ सुब्ह को जब उस बुत ने
दिल ही तो है न आए क्यूँ दम ही तो है न जाए क्यूँ
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात
देखना हश्र में जब तुम पे मचल जाऊँगा
देखना अच्छा नहीं ज़ानू पे रख कर आइना
डरता हूँ देख कर दिल-ए-बे-आरज़ू को मैं
'दाग़' को कौन देने वाला था
दफ़अ'तन तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ में भी रुस्वाई है
चुप-चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़