Heart Broken Poetry of D. Raj Kanwal
नाम | डी. राज कँवल |
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अंग्रेज़ी नाम | D. Raj Kanwal |
जन्म की तारीख | 1923 |
कविताएं
Ghazal 9
Love 9
Sad 8
Heart Broken 7
Bewafa 3
Hope 5
Friendship 1
Islamic 1
बारिश 1
ख्वाब 2
Sharab 4
यूँही जलाए चलो दोस्तो भरम के चराग़
लोग जिन को आज तक बार-ए-गराँ समझा किए
किसी ने बा-वफ़ा समझा किसी ने बेवफ़ा समझा
इंसान नहीं वो जो गुनहगार नहीं हैं
हम को छेड़ा तो मचल जाएँगे अरमाँ की तरह
दुनिया पत्थर फेंक रही है झुँझला कर फ़र्ज़ानों पर
दुनिया में दिल लगा के बहुत सोचते रहे