Couplets Poetry (page 297)
आप का इख़्तियार है सब पर
मुबारक अज़ीमाबादी
आने में कभी आप से जल्दी नहीं होती
मुबारक अज़ीमाबादी
आइना सामने अब आठ पहर रहता है
मुबारक अज़ीमाबादी
तिरे सुख़न के सदा लोग होंगे गिरवीदा
मुबारक अंसारी
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
मोमिन ख़ाँ मोमिन
वो आए हैं पशेमाँ लाश पर अब
मोमिन ख़ाँ मोमिन
उस नक़्श-ए-पा के सज्दे ने क्या क्या किया ज़लील
मोमिन ख़ाँ मोमिन
उस ग़ैरत-ए-नाहीद की हर तान है दीपक
मोमिन ख़ाँ मोमिन
उम्र तो सारी कटी इश्क़-ए-बुताँ में 'मोमिन'
मोमिन ख़ाँ मोमिन
उलझा है पाँव यार का ज़ुल्फ़-ए-दराज़ में
मोमिन ख़ाँ मोमिन
तुम मिरे पास होते हो गोया
मोमिन ख़ाँ मोमिन
तुम मिरे पास होते हो गोया
मोमिन ख़ाँ मोमिन
तुम हमारे किसी तरह न हुए
मोमिन ख़ाँ मोमिन
तू कहाँ जाएगी कुछ अपना ठिकाना कर ले
मोमिन ख़ाँ मोमिन
थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ताब-ए-नज़्ज़ारा नहीं आइना क्या देखने दूँ
मोमिन ख़ाँ मोमिन
शब जो मस्जिद में जा फँसे 'मोमिन'
मोमिन ख़ाँ मोमिन
साहब ने इस ग़ुलाम को आज़ाद कर दिया
मोमिन ख़ाँ मोमिन
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह
मोमिन ख़ाँ मोमिन
राज़-ए-निहाँ ज़बान-ए-अग़्यार तक न पहुँचा
मोमिन ख़ाँ मोमिन
पैहम सुजूद पा-ए-सनम पर दम-ए-विदा
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ने जाए वाँ बने है ने बिन जाए चैन है
मोमिन ख़ाँ मोमिन
नासेहा दिल में तो इतना तू समझ अपने कि हम
मोमिन ख़ाँ मोमिन
न करो अब निबाह की बातें
मोमिन ख़ाँ मोमिन
मोमिन मैं अपने नालों के सदक़े कि कहते हैं
मोमिन ख़ाँ मोमिन
'मोमिन' ख़ुदा के वास्ते ऐसा मकाँ न छोड़
मोमिन ख़ाँ मोमिन
मेरे तग़ईर-ए-रंग को मत देख
मोमिन ख़ाँ मोमिन
माशूक़ से भी हम ने निभाई बराबरी
मोमिन ख़ाँ मोमिन
माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की
मोमिन ख़ाँ मोमिन