बी.टी-नामा
हम-नवा कौन सी उम्मीद पे ख़ामोश रहूँ
किस लिए शाहिद-ए-बी-टी की मैं पा-पोश रहूँ
चीज़ क्या है सग-ए-कॉलेज कि मैं ख़रगोश रहूँ
क्यूँ ज़याँ-कार बन्नूँ सूद-फ़रामोश रहूँ
आज मैं ब-टी लिए दस्त-ओ-गिरेबाँ हूँगा
नासेहा पास न आना कि मैं नादाँ हूँगा
मैं तो समझा था कि बी-टी है कोई कार-ए-सवाब
देखी अंदर से मगर आ के जो ये ख़ाना-ख़राब
मुझ को महसूस हुआ ये तो है गोदाम अज़ाब
जिस में मैं झोंका गया ऐसा कि जूँ पा-ब-जराब
दिल-ए-इंसाँ की नज़ाकत इसे मलहूज़ नहीं
हाँ शरीफ़ों की शराफ़त भी तो महफ़ूज़ नहीं
ज़ुल्म-ए-बी-टी से ख़ुदा जानता है चूर हैं हम
जो कि कीकर पे चढ़ाया था वो अँगूर हैं हम
''क़िस्सा-ए-दर्द सुनाते हैं कि मजबूर हैं हम''
जिन को समझे हो खिलौने वो हम इंसान नहीं
रब के बंदे हैं कोई साख़्ता-जापान नहीं
बी-टी क्या है ये फ़क़त बंदों का हैवाँ होना
और मकरूह सी कुछ टाँगों का उर्यां होना
लीन के हुक्म पे ग़म खाना परेशाँ होना
हम से बे-हूदगी हर रोज़ ये फ़रमाते हैं
सुब्ह भी शाम भी जब चाहें ये करवाते हैं
मज़हब-ए-बी-टी में क्या नाग़ा हराम होता है
सर पे हर सुब्ह ये क्यूँ रौनकी-राम होता है
भूलता है न उसे घर का ही काम होता है
न बुख़ार आता है उस को न ज़ुकाम होता है
अरे ट्विटर ये ख़ुदा है तो सिफ़ारिश कर दे
गर ये कम-बख़्त नहीं टलता तो बारिश कर दे
हॉस्टल क्या है तवेला सा बना रक्खा है
और वो समझे हैं कि फ़िरदौस सजा रक्खा है
बाँस पर उस को बिला-वजह चढ़ा रक्खा है
देखो दरवाज़े पे रिज़वाँ जो बिठा रक्खा है
देखें डेवढ़ी पे तो मेहमान वही टलते हैं
इस से आगे तो फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं
ये भी पाबंदी-ए-मेहमाँ में ख़ता-वार नहीं
क्यूँकि हालात-ए-दरूँ क़ाबिल इज़हार नहीं
याँ गिरफ़्तार-ए-बला हैं जो गुनहगार नहीं
ऐसी जन्नत का तो दोज़ख़ भी ख़रीदार नहीं
हॉस्टल तेरी हक़ीक़त को गए हैं हम पाँच
इंडिमां वालों ने लाहौर में खोली है ब्रांच
छुट्टी दरकार हो गर तुम को अयादत के लिए
माह-भर पहले से दो अर्ज़ी इजाज़त के लिए
पेश-गोई करो ना-दीदा मुसीबत के लिए
गोया पैग़म्बरी दरकार है रुख़्सत के लिए
इज़राईल आके हमें अपना प्रोग्रैम बता
जिन बुज़ुर्गों पे तिरी आँख है वो नाम बता
ऐ ख़ुदा हम भी थे मानूस कभी इशरत से
अब हैं महरूम ट्रेनींग में तिरी रहमत से
बच नहीं सकते कभी रात की इस कुल्फ़त से
दिन को पढ़ पढ़ के फ़ना हो गए इक मुद्दत से
दर्द-ए-सर है कि फ़्लू है कि तप-ए-खाँसी है
उम्र-भर क़ैदी का अंजाम यहाँ फाँसी है
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