चरख़ चिन्योटी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का चरख़ चिन्योटी
नाम | चरख़ चिन्योटी |
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अंग्रेज़ी नाम | Charkh Chinioti |
भगवान-राम
यौम-ए-जम्हूर
महाऋषि-स्वामी-दयानंद
तन्हाई में आज उन से मुलाक़ात हुई है
क़रार खो के चले बे-क़रार हो के चले
क़रार खो के चले बे-क़रार हो के चले
मचलेंगे उन के आने पे जज़्बात सैंकड़ों
जो आँसुओं को न चमकाए वो ख़ुशी क्या है
जल्वा-ए-हुस्न से है सूरत-ए-औक़ात नई
जल्वा-ए-हुस्न से है सूरत-ए-औक़ात नई
जब सर-ए-बाम वो ख़ुर्शीद-जमाल आता है
हुस्न के जल्वे लुटाए तिरी रा'नाई ने
हम जो मिल बैठें तो यक-जान भी हो सकते हैं
हम जो मिल बैठें तो यक जान भी हो सकते हैं
गुनगुनाती हुई आवाज़ कहाँ से लाऊँ
फ़ज़ा-ए-ना-उमीदी में उमीद-अफ़ज़ा पयाम आया
फ़ज़ा में कैफ़-फ़शाँ फिर सहाब है साक़ी
बे-ख़ुदी में है न वो पी कर सँभल जाने में है
बज़्म-ए-जानाँ में मोहब्बत का असर देखेंगे
बज़्म-ए-जानाँ में मोहब्बत का असर देखेंगे
बात कहने के लिए बात बनाई न गई
बात कहने के लिए बात बनाई न गई
अक़्ल हैरान है रहमत का तक़ाज़ा क्या है