Patriotic Poetry of Chakbast Brij Narayan
नाम | चकबस्त ब्रिज नारायण |
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अंग्रेज़ी नाम | Chakbast Brij Narayan |
जन्म की तारीख | 1882 |
मौत की तिथि | 1926 |
जन्म स्थान | Lucknow |
वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है
चराग़ क़ौम का रौशन है अर्श पर दिल के
अज़ीज़ान-ए-वतन को ग़ुंचा ओ बर्ग ओ समर जाना
रामायण का एक सीन
मर्सिया गोपाल कृष्ण गोखले
ख़ाक-ए-हिंद
हुब्ब-ए-क़ौमी
हमारा वतन दिल से प्यारा वतन
ज़बाँ को बंद करें या मुझे असीर करें
नए झगड़े निराली काविशें ईजाद करते हैं
कुछ ऐसा पास-ए-ग़ैरत उठ गया इस अहद-ए-पुर-फ़न में
कभी था नाज़ ज़माने को अपने हिन्द पे भी
फ़ना का होश आना ज़िंदगी का दर्द-ए-सर जाना
दिल किए तस्ख़ीर बख़्शा फ़ैज़-ए-रूहानी मुझे