बुशरा हाश्मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बुशरा हाश्मी
नाम | बुशरा हाश्मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bushra Hashmi |
वही लफ़्ज़ हैं दुर्र-ए-बे-बहा मिरे वास्ते
सरमाया-ए-हयात हुआ चाहता है ख़त्म
जो न कट सका वो निशान था किसी ज़ख़्म का
दिल के ज़ख़्मों की चुभन दीदा-ए-तर से पूछो
अर्सा हुआ किसी ने पुकारा नहीं मुझे
सर-ए-दश्त दिल जो सराब था कोई ख़्वाब था
दिल के ज़ख़्मों की चुभन दीदा-ए-तर से पूछो
अभी बादलों का सफ़र कहाँ मिरे मेहरबाँ
आँखों को अब निगाह की आदत नहीं रही