आसमाँ है समुंदर पे छाया हुआ

आसमाँ है समुंदर पे छाया हुआ

इस लिए रंग पानी का नीला हुआ

वक़्त नद्दी की मानिंद बहता हुआ

एक लम्हा मगर क्यूँ है ठहरा हुआ

था कोई तो जो दहलीज़ पर धर गया

रात जलती हुई दिन दहकता हुआ

गुम-शुदा शहर में ढूँढता हूँ किसे

एक इक शक्ल को याद करता हुआ

धूप-जंगल में फिर खो गया है कोई

चाँद तारों को आवाज़ देता हुआ

धूप और लू भरी थीं फ़ज़ाएँ मगर

उस की यादों का मौसम था भीगा हुआ

सूरत-ए-हाल अम्बर अजब चीज़ है

उस ने दरिया कहा मैं किनारा हुआ

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Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua In Hindi By Famous Poet Brijesh Ambar. Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua is written by Brijesh Ambar. Complete Poem Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua in Hindi by Brijesh Ambar. Download free Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua Poem for Youth in PDF. Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua is a Poem on Inspiration for young students. Share Aasman Hai Samundar Pe Chhaya Hua with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.