इश्क़ जो ना-गहाँ नहीं होता

इश्क़ जो ना-गहाँ नहीं होता

वो कभी जावेदाँ नहीं होता

इश्क़ रखता है जिस जगह दिल को

मैं भी अक्सर वहाँ नहीं होता

मुझ पे होते हैं मेहरबाँ जब वो

ख़ुद पर अपना गुमाँ नहीं होता

इश्क़ होता है दिल का इक आलम

और दिल का बयाँ नहीं होता

मैं ने देखा है उन की महफ़िल में

कुछ ज़मान ओ मकाँ नहीं होता

इश्क़ होता है दिल-ब-दिल महसूस

ये फ़साना बयाँ नहीं होता

(929) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota In Hindi By Famous Poet Bismil Saeedi. Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota is written by Bismil Saeedi. Complete Poem Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota in Hindi by Bismil Saeedi. Download free Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota Poem for Youth in PDF. Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota is a Poem on Inspiration for young students. Share Ishq Jo Na-gahan Nahin Hota with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.