बिस्मिल अज़ीमाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बिस्मिल अज़ीमाबादी
नाम | बिस्मिल अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bismil Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1901 |
मौत की तिथि | 1978 |
जन्म स्थान | Patna |
ये ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी हुई 'बिस्मिल'
ये कह के देती जाती है तस्कीं शब-ए-फ़िराक़
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
उगल न संग-ए-मलामत ख़ुदा से डर नासेह
तुम सुन के क्या करोगे कहानी ग़रीब की
सौदा वो क्या करेगा ख़रीदार देख कर
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
रहरव-ए-राह-ए-मोहब्बत रह न जाना राह में
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे
मजबूरियों को अपनी कहें क्या किसी से हम
क्या करें जाम-ओ-सुबू हाथ पकड़ लेते हैं
ख़िज़ाँ जब तक चली जाती नहीं है
जुरअत-ए-शौक़ तो क्या कुछ नहीं कहती लेकिन
हो न मायूस ख़ुदा से 'बिस्मिल'
हँसी 'बिस्मिल' की हालत पर किसी को
ग़ैरों ने ग़ैर जान के हम को उठा दिया
इक ग़लत सज्दे से क्या होता है वाइज़ कुछ न पूछ
एक दिन वो दिन थे रोने पे हँसा करते थे हम
देखा न तुम ने आँख उठा कर भी एक बार
दास्ताँ पूरी न होने पाई
'बिस्मिल' बुतों का इश्क़ मुबारक तुम्हें मगर
अल्लाह तेरे हाथ है अब आबरू-ए-शौक़
ये बुत फिर अब के बहुत सर उठा के बैठे हैं
तंग आ गए हैं क्या करें इस ज़िंदगी से हम
सोचने का भी नहीं वक़्त मयस्सर मुझ को
सारी उम्मीद रही जाती है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
रुख़ पे गेसू जो बिखर जाएँगे
निगाह-ए-क़हर होगी या मोहब्बत की नज़र होगी
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे