Love Poetry of Bismil Allahabadi
नाम | बिस्मिल इलाहाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bismil Allahabadi |
ये कैसी आग अभी ऐ शम्अ तेरे दिल में बाक़ी है
याद आता है समाँ मुझ को ख़ुद-आराई का
साज़-ए-हस्ती का अजब जोश नज़र आता है
क़ाबिल-ए-शरह मिरा हाल-ए-दिल-ए-ज़ार न था
न रहे तुम जो हमारे तो सहारा न रहा
मिल चुका महफ़िल में अब लुत्फ़-ए-शकेबाई मुझे
किसी तरह भी किसी से न दिल लगाना था
जो न करना था किया जो कुछ न होना था हुआ
जीने वाला ये समझता नहीं सौदाई है
इतना भी न साक़ी होश रहा पी कर ये हमें मय-ख़ाना था
आज़ार-ओ-जफ़ा-ए-पैहम से उल्फ़त में जिन्हें आराम नहीं