अब यही दुख है हमीं में थी कमी उस में न थी
अब यही दुख है हमीं में थी कमी उस में न थी
उस को चाहा था मगर अपनी तरह चाहा न था
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अब यही दुख है हमीं में थी कमी उस में न थी
उस को चाहा था मगर अपनी तरह चाहा न था
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