उन की गोद में सर रख कर जब आँसू आँसू रोया था

उन की गोद में सर रख कर जब आँसू आँसू रोया था

कुछ लम्हे गुज़रे वो लम्हा मेरी आँखों से गुज़रा था

ऐ साटन के नीले परदो तुम पर ये किस का साया है

क्या मुझ को कुछ वहम हुआ है या सच-मुच कोई आया था

जैसे दरवाज़ा वा कर के निकला है कोई कमरे से

जैसे इक दो लम्हे गुज़रे सोफ़े पर कोई बैठा था

सच सच कहना ऐ दीवारो ऐ तस्वीरो झूट न बोलो

आख़िर है तू उस कमरे में जिस ने उस का नाम लिया था

तुम तो कुछ ऐसे भूल गए हो जैसे कभी वाक़िफ़ ही नहीं थे

और जो यूँही करना था साहब किस लिए इतना प्यार किया था

आज तो सरसों का पीला-पन अग्नी भरता है तन मन में

एक समय था जब यही मौसम खेत खेत प्यारा लगता था

एक पुराने गीत की धुन ने गुज़री यादें याद दिला दीं

दामन को अश्कों से भिगोए एक ज़माना बीत चला था

(1501) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha In Hindi By Famous Poet Bimal Krishn Ashk. Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha is written by Bimal Krishn Ashk. Complete Poem Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha in Hindi by Bimal Krishn Ashk. Download free Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha Poem for Youth in PDF. Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Unki God Mein Sar Rakh Kar Jab Aansu Aansu Roya Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.