Ghazals of Bilquis Begum
नाम | बिल्क़ीस बेगम |
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अंग्रेज़ी नाम | Bilquis Begum |
यही इक मश्ग़ला शाम-ओ-सहर है
क़ासिद तू ख़त को लाया है क्यूँकर खुला हुआ
मातम-कदा बना है गुलिस्ताँ तिरे बग़ैर
आता है कोई लुत्फ़ का सामाँ लिए हुए
आँखों से कभी कूचा-ए-जानाँ नहीं देखा