Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_fb2745cf7a2e65b3dd84c9b99fc094a6, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जाने क्या कुछ है आज होने को - बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन कविता - Darsaal

जाने क्या कुछ है आज होने को

जाने क्या कुछ है आज होने को

जी मिरा चाहता है रोने को

एक उम्र और हाथ क्या आया

ज़िंदगी क्या मिली थी खोने को

आबलों से पटे पड़े हैं हम

कोई निश्तर भी दे चुभोने को

दीदा-ए-तर भी आज खो आए

उस के आगे गए थे रोने को

रेत मुट्ठी में भर के बैठे हैं

हाथ में कुछ रहे तो खोने को

अपनी हस्ती का हाल क्या कहिए

हम हुए आह कुछ न होने को

कितने सादा हैं हम कि बैठे हैं

दाग़-ए-दिल आँसुओं से धोने को

(817) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko In Hindi By Famous Poet Bilqis Zafirul Hasan. Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko is written by Bilqis Zafirul Hasan. Complete Poem Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko in Hindi by Bilqis Zafirul Hasan. Download free Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko Poem for Youth in PDF. Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko is a Poem on Inspiration for young students. Share Jaane Kya Kuchh Hai Aaj Hone Ko with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.