Heart Broken Poetry of Bilqis Zafirul Hasan
नाम | बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन |
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अंग्रेज़ी नाम | Bilqis Zafirul Hasan |
जन्म की तारीख | 1938 |
जन्म स्थान | Delhi |
मेरी तरह टूटे आईने में उस ने भी
है यूँ कि कुछ तो बग़ावत-सिरिश्त हम भी हैं
दहशत-ज़दा ज़मीं पर वहशत भरे मकाँ ये
शाम से हम ता सहर चलते रहे
पाबंदियों से अपनी निकलते वो पा न थे
कोई आहट कोई सरगोशी सदा कुछ भी नहीं
काँटे हों या फूल अकेले चुनना होगा
कब एक रंग में दुनिया का हाल ठहरा है
कब इक मक़ाम पे रुकती है सर-फिरी है हवा
जीना है ख़ूब औरों की ख़ातिर जिया करो
जाने क्या कुछ है आज होने को
हमारी जागती आँखों में ख़्वाब सा क्या था
एक आलम है ये हैरानी का जीना कैसा
दीवार-ओ-दर में सिमटा इक लम्स काँपता है
देता था जो साया वो शजर काट रहा है
बे-तअल्लुक़ सारे रिश्ते कौन किस का आश्ना
बदन पे ज़ख़्म सजाए लहू लबादा किया