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Bharat Bhushan Pant Khawab In Hindi - Best Khawab Of Bharat Bhushan Pant Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Khawab Poetry of Bharat Bhushan Pant

Khawab Poetry of Bharat Bhushan Pant
नामभारत भूषण पन्त
अंग्रेज़ी नामBharat Bhushan Pant

उम्मीदों से पर्दा रक्खा ख़ुशियों से महरूम रहीं

हर घड़ी तेरा तसव्वुर हर नफ़स तेरा ख़याल

सच्चाइयों को बर-सर-ए-पैकार छोड़ कर

सब ने होंटों से लगा कर तोड़ डाला है मुझे

फिर वो बे-सम्त उड़ानों की कहानी सुन कर

पराया लग रहा था जो वही अपना निकल आया

मुस्तक़िल रोने से दिल की बे-कली बढ़ जाएगी

किसी भी सम्त निकलूँ मेरा पीछा रोज़ होता है

ख़्वाब जीने नहीं देंगे तुझे ख़्वाबों से निकल

कभी सुकूँ कभी सब्र-ओ-क़रार टूटेगा

हर एक रात में अपना हिसाब कर के मुझे

दयार-ए-ज़ात में जब ख़ामुशी महसूस होती है

चाहतों के ख़्वाब की ताबीर थी बिल्कुल अलग

आब की तासीर में हूँ प्यास की शिद्दत में हूँ

भारत भूषण पन्त ख्वाब Poetry in Hindi - Read famous ख्वाब Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by भारत भूषण पन्त. Largest collection of ख्वाब Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by भारत भूषण पन्त. Share the भारत भूषण पन्त ख्वाब Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.