Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2549c24b52a8d4d88c707abb488a77df, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जो तमाशा नज़र आया उसे देखा समझा - बेख़ुद देहलवी कविता - Darsaal

जो तमाशा नज़र आया उसे देखा समझा

जो तमाशा नज़र आया उसे देखा समझा

जब समझ आ गई दुनिया को तमाशा समझा

उस की एजाज़-नुमाई का तमाशाई हूँ

कहीं जुगनू भी जो चमका यद-ए-बैज़ा समझा

मैं ये समझा हूँ कि समझे न मिरी बात को आप

सर हिला कर जो कहा आप ने अच्छा समझा

असर-ए-हुस्न कहूँ या कशिश-ए-इश्क़ कहूँ

मैं तमाशाई था वो मुझ को तमाशा समझा

क्या कहूँ मेरे समाने को समझ है दरकार

ख़ाक समझा जो मुझे ख़ाक का पुतला समझा

एक वो हैं जिन्हें दुनिया की बहारें हैं नसीब

एक मैं हूँ क़फ़स-ए-तंग को दुनिया समझा

मेरा हर शेर है इक राज़-ए-हक़ीक़त 'बेख़ुद'

मैं हूँ उर्दू का 'नज़ीरी' मुझे तू क्या समझा

(1180) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha In Hindi By Famous Poet Bekhud Dehlvi. Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha is written by Bekhud Dehlvi. Complete Poem Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha in Hindi by Bekhud Dehlvi. Download free Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha Poem for Youth in PDF. Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Tamasha Nazar Aaya Use Dekha Samjha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.