Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9842acb2c5aab2c09a7a04407006a09b, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हर एक बात तिरी बे-सबात कितनी है - बेख़ुद देहलवी कविता - Darsaal

हर एक बात तिरी बे-सबात कितनी है

हर एक बात तिरी बे-सबात कितनी है

पलटना बात को दम भर में बात कितनी है

अभी तो शाम हुई है अभी तो आए हो

अभी से पूछ रहे हो कि रात कितनी है

वो सुनते सुनते जो घबराए हाल-ए-दिल बोले

बयान कितनी हुई वारदात कितनी है

तिरे शहीद को दूल्हा बना हुआ देखा

रवाँ जनाज़े के पीछे बरात कितनी है

किसी तरह नहीं कटती नहीं गुज़र चुकती

इलाही सख़्त ये क़ैद-ए-हयात कितनी है

हमारी जान है क़ीमत तो दिल है बैआना

गिराँ-बहा लब-ए-नाज़ुक की बात कितनी है

जो शब को खिलते हैं ग़ुंचे वो दिन को झड़ते हैं

बहार-ए-बाग़-ए-जहाँ बे-सबात कितनी है

महीनों हो गए देखी नहीं है सुब्ह-ए-उम्मीद

किसे ख़बर ये मुसीबत की रात कितनी है

उदू के सामने ये देखना है हम को भी

किधर को है निगह-ए-इल्तिफ़ात कितनी है

ग़ज़ल लिखें भी तो क्या ख़ाक हम लिखें 'बेख़ुद'

ज़मीन देखिए ये वाहियात कितनी है

(934) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai In Hindi By Famous Poet Bekhud Dehlvi. Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai is written by Bekhud Dehlvi. Complete Poem Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai in Hindi by Bekhud Dehlvi. Download free Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai Poem for Youth in PDF. Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Har Ek Baat Teri Be-sabaat Kitni Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.