Ghazals of Bekal Utsahi

Ghazals of Bekal Utsahi
नामबेकल उत्साही
अंग्रेज़ी नामBekal Utsahi
जन्म की तारीख1928
मौत की तिथि2016
जन्म स्थानBalrampur, Gonda

यूँ तो कहने को तिरी राह का पत्थर निकला

उधर वो हाथों के पत्थर बदलते रहते हैं

उदास काग़ज़ी मौसम में रंग ओ बू रख दे

तो पहले मेरा ही हाल-ए-तबाह लिख लीजे

तंज़ की तेग़ मुझी पर सभी खींचे होंगे

तमन्ना बन गई है माया-ए-इल्ज़ाम क्या होगा

रहीन-ए-आस रही है न महव-ए-यास रही

नज़र की फ़त्ह कभी क़ल्ब की शिकस्त लगे

नए ज़माने में अब ये कमाल होने लगा

न चिलमनों की हसीं सरसराहटें होंगी

मुझ को शिकस्तगी का क़लक़ देर तक रहा

मैं जब भी कोई अछूता कलाम लिखता हूँ

ख़ुद अपने जुर्म का मुजरिम को ए'तिराफ़ न था

जब कूचा-ए-क़ातिल में हम लाए गए होंगे

हम चटानों की तरह साहिल पे ढाले जाएँगे

फ़स्ल-ए-गुल कब लुटी नहीं मालूम

दिमाग़ अर्श पे है ख़ुद ज़मीं पे चलते हैं

भीतर बसने वाला ख़ुद बाहर की सैर करे मौला ख़ैर करे

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