Hope Poetry of Behzad Lakhnavi
नाम | बहज़ाद लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Behzad Lakhnavi |
जन्म की तारीख | 1900 |
मौत की तिथि | 1974 |
यूँ तो जो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए
उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं
तुझ पर मिरी मोहब्बत क़ुर्बान हो न जाए
तिरे इश्क़ में ज़िंदगानी लुटा दी
क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ
ख़ुदा को ढूँड रहा था कहीं ख़ुदा न मिला
होना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ
फ़रियाद है अब लब पर जब अश्क-फ़िशानी थी
इक बे-वफ़ा को प्यार किया हाए क्या किया
दिल मेरा तेरा ताब-ए-फ़रमाँ है क्या करूँ
चश्म-ए-हसीं में है न रुख़-ए-फ़ित्ना-गर में है