Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d1b7463601808da8ec126d50148fe4b8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ - बहज़ाद लखनवी कविता - Darsaal

ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ

ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ

मगर हाँ दिल में कुछ कुछ ज़ेर-ओ-बम महसूस करता हूँ

मोहब्बत की ये नैरंगी भी दुनिया से निराली है

अलम कोई नहीं लेकिन अलम महसूस करता हूँ

मिरी नज़रों में अब बाक़ी नहीं है ज़ौक़-ए-कुफ़्र-ओ-दीं

मैं इक मरकज़ पे अब दैर-ओ-हरम महसूस करता हूँ

जो लुत्फ़-ए-ज़िंदगानी मिल रहा था घटता जाता है

ख़लिश जो दिल में रहती थी वो कम महसूस करता हूँ

तुम्हारे ज़िक्र पर कब मुनहसिर है दिल की बेताबी

किसी का ज़िक्र हो मैं चश्म-ए-नम महसूस करता हूँ

कभी पाता हूँ दिल में एक हश्र-ए-दर्द-ए-बेताबी

कभी मैं अपने दिल में दर्द-ओ-ग़म महसूस करता हूँ

ज़बाँ पर मेरी शिकवा आ नहीं सकता ज़माने का

कि हर आलम को मैं उन का करम महसूस करता हूँ

ये दिल में है जो घबराहट ये आँखों में है जो आँसू

इस एहसाँ को भी बाला-ए-करम महसूस करता हूँ

ख़ुशी की मुझ को अब बहज़ाद कुछ हाजत नहीं बाक़ी

कि ग़म को भी मैं अब उन का करम महसूस करता हूँ

(1132) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun In Hindi By Famous Poet Behzad Lakhnavi. KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun is written by Behzad Lakhnavi. Complete Poem KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun in Hindi by Behzad Lakhnavi. Download free KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun Poem for Youth in PDF. KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share KHushi Mahsus Karta Hun Na Gham Mahsus Karta Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.