बंद हथेली में हैं सब
बंद हथेली में हैं सब
जंगल वीराने और शब
दरिया उतर गया तो क्या
नय्या डूब गई है अब
पलकें नम थीं और कोई
मेरे संग न रोया तब
लोग मुझे पागल कहते
सच के मोती चुनती जब
जीवन मुझ से रूठ गया
'बीना' दस्तक दी तो कब
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बंद हथेली में हैं सब
जंगल वीराने और शब
दरिया उतर गया तो क्या
नय्या डूब गई है अब
पलकें नम थीं और कोई
मेरे संग न रोया तब
लोग मुझे पागल कहते
सच के मोती चुनती जब
जीवन मुझ से रूठ गया
'बीना' दस्तक दी तो कब
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