बेदिल हैदरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बेदिल हैदरी
नाम | बेदिल हैदरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bedil Haidri |
जन्म की तारीख | 1924 |
मौत की तिथि | 2004 |
जन्म स्थान | Lahore |
ये दिल जो मुज़्तरिब रहता बहुत है
रात को रोज़ डूब जाता है
मेरे अंदर का पाँचवाँ मौसम
ख़ोल चेहरों पे चढ़ाने नहीं आते हम को
कहीं इंतिहा की मलामतें कहीं पत्थरों से अटी छतें
जितना हंगामा ज़ियादा होगा
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है
हो गया चर्ख़-ए-सितमगर का कलेजा ठंडा
गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे
ये जो चेहरों पे लिए गर्द-ए-अलम आते हैं
ये दिल जो मुज़्तरिब रहता बहुत है
रहने दे रतजगों में परेशाँ मज़ीद उसे
मिरी दास्तान-ए-अलम तो सुन कोई ज़लज़ला नहीं आएगा
हम तुम में कल दूरी भी हो सकती है
दिल कहीं भी नहीं लगता होगा
दरिया ने कल जो चुप का लिबादा पहन लिया
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे
अन-कही को कही बनाना है