Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2f6dcab14d7419f48269d6008ae51deb, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उस को दुनिया और न उक़्बा चाहिए - बेदम शाह वारसी कविता - Darsaal

उस को दुनिया और न उक़्बा चाहिए

उस को दुनिया और न उक़्बा चाहिए

क़ैस लैला का है लैला चाहिए

अब जो कुछ करना है करना चाहिए

आज ही से फ़िक्र-ए-फ़र्दा चाहिए

इन बुतों से दिल लगाने के लिए

सच है पत्थर का कलेजा चाहिए

देखना उन का तो क़िस्मत में नहीं

देखने वाले को देखा चाहिए

वो नहीं आए तो वादे पर न आएँ

ऐ अजल तुझ को तो आना चाहिए

मुझ से नफ़रत है तो नफ़रत ही सही

चाहिए ग़ैरों को अच्छा चाहिए

ख़ुल्द वालों को दिखाने के लिए

इक तिरे कूचे का नक़्शा चाहिए

आ के अब जाता कहाँ है तीर-ए-नाज़

तुझ को मेरे दिल में रहना चाहिए

तोड़ कर 'बेदम' बुत-ए-पिंदार को

दैर को काबा बनाना चाहिए

(1183) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye In Hindi By Famous Poet Bedam Shah Warsi. Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye is written by Bedam Shah Warsi. Complete Poem Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye in Hindi by Bedam Shah Warsi. Download free Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye Poem for Youth in PDF. Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye is a Poem on Inspiration for young students. Share Usko Duniya Aur Na Uqba Chahiye with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.