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राज़ है इबरत-असर फ़ितरत की हर तहरीर का - बेबाक भोजपुरी कविता - Darsaal

राज़ है इबरत-असर फ़ितरत की हर तहरीर का

राज़ है इबरत-असर फ़ितरत की हर तहरीर का

मुसहफ़-ए-नातिक़ कहाँ मुहताज ही तफ़्सीर का

मा'नी-ए-क़द्र-ओ-क़ज़ा है नौ-बहार-ए-लाला-रंग

हर दिल-ए-ज़र्रा में है जज़्बा नई ता'मीर का

हिकमत-ए-आदम से है रौशन शबिस्तान-ए-जहाँ

नफ़्स-ए-मक़्सद है हुवैदा ख़ालिक़-ए-तक़दीर का

काविश-ए-पैहम से दुनिया की फ़ज़ा जन्नत-अदा

ये तसर्रुफ़ है बशर की क़ुव्वत-ए-तस्ख़ीर का

दौलत-ए-कौनैन मुश्त-ए-ख़ाक के दामन में है

आदमी मे'मार है आफ़ाक़ की तक़दीर का

बहर-ए-इम्काँ में हबाब-आसा है कश्ती-ए-वजूद

नक़्श-ए-फ़ानी हर तमव्वुज सैल-ए-आफ़त-गीर का

पैकर-ए-ख़ाकी जहान-ए-मख़्ज़न-ए-असरार है

आदमी शहकार है अल्लाह की तक़दीर का

ख़ून से मजबूर के दश्त-ए-जहाँ जन्नत-बदोश

शिद्दत-ए-मेहनत से दिलकश रंग है तस्वीर का

नाला-ए-बुलबुल से फ़स्ल-ए-गुल गरेबाँ चाक है

ग़ुंचा ग़ुंचा सैद है बाद-ए-सहर के तीर का

मौजज़न है क़तरा-ए-शबनम में सैल-ए-ज़िंदगी

ज़र्रा-ए-कमतर है मेहवर मेहर-ए-पुर-तनवीर का

इज़्तिराब-ए-शौक़ में दिल हाथ से जाता रहा

ये असर है हम-नशीं तक़रीर-ए-पुर-तासीर का

नश्तर-ए-वहशत नफ़स मौज-ए-नफ़स की सर-कशी

आलम-ए-ताज़ीर है दोज़ख़ मिरी तक़्सीर का

फ़क़्र पर ईसार से हैं मुतमइन रूह-ओ-ज़मीर

दर्द-ए-दिल है ख़ास मख़्ज़न इश्क़ की जागीर का

ज़र्रे ज़र्रे से है ज़ाहिर शाहिद-ए-हर-दो-जहाँ

आइना 'बेबाक' दिल है ख़ालिक़-ए-तक़दीर का

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