Islamic Poetry of Bayan Meeruti
नाम | बयान मेरठी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bayan Meeruti |
कविताएं
Ghazal 16
Couplets 16
Rubaai 10
Love 17
Sad 12
Heart Broken 16
Bewafa 1
Hope 8
Friendship 5
Islamic 6
ख्वाब 4
Sharab 5
नहीं ये आदमी का काम वाइ'ज़
ये मैं कहूँगा फ़लक पे जा कर ज़मीं से आया हूँ तंग आ कर
यार पहलू में निहाँ था मुझे मा'लूम न था
सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ
खुला है जल्वा-ए-पिन्हाँ से अज़-बस चाक वहशत का
ख़ाक करती है ब-रंग-ए-चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम रक़्स