Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9c7a2d8b8291e3a9c6324115735ea80b, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
लहू टपका किसी की आरज़ू से - बयान मेरठी कविता - Darsaal

लहू टपका किसी की आरज़ू से

लहू टपका किसी की आरज़ू से

हमारी आरज़ू टपकी लहू से

ये है किस का सोयम पूछा अदू से

कि दम है नाक में फूलों की बू से

वो बच्चा परवरिश करती है उल्फ़त

जो पैकाँ पोरवे की तरह चूसे

ये टूटेगी हवा-ए-गुल से वाइज़

मिरी तौबा को क्या निस्बत वुज़ू से

उसे कहते हैं कुमरी तौक़-ए-उल्फ़त

छुरी लिपटी हुई है याँ गुलो से

ये तासीर-ए-मोहब्बत है कि टपका

हमारा ख़ूँ तुम्हारी गुफ़्तुगू से

वो हैं क्यूँ हुस्न के पर्दा पे नाज़ाँ

ये सीखा है हमारी गुफ़्तुगू से

किया है दामन-ए-महशर को अफ़्शाँ

उड़े छींटे ये किस किस के लहू से

सुना है जाम था जमशेद के पास

अरे साक़ी फ़क़ीरों के कदू से

वो शर्मीली निगाहें कह रही हैं

हटा दो अक्स को भी रू-ब-रू से

लब-ए-गुल-रंग पर है ख़ाल-ए-मुश्कीं

मगस और फूल की पत्ती को चूसे

'बयाँ' ख़ौफ़-ए-गुनह से मर चुके थे

मगर जाँ आ गई ला-तक़्नतू से

(977) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se In Hindi By Famous Poet Bayan Meeruti. Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se is written by Bayan Meeruti. Complete Poem Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se in Hindi by Bayan Meeruti. Download free Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se Poem for Youth in PDF. Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Lahu Tapka Kisi Ki Aarzu Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.