Hope Poetry of Bayan Ahsanullah Khan
नाम | बयाँ अहसनुल्लाह ख़ान |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Bayan Ahsanullah Khan |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1798 |
जन्म स्थान | Delhi |
लहू टपका किसी की आरज़ू से
ये ख़ूब-रू न छुरी ने कटार रखते हैं
ये आरज़ू है कि वो नामा-बर से ले काग़ज़
मत सता मुझ को आन आन अज़ीज़
कोई समझाईयो यारो मिरा महबूब जाता है
जो ज़मीं पर फ़राग़ रखते हैं
जा कहे कू-ए-यार में कोई
फ़रहाद किस उम्मीद पे लाता है जू-ए-शीर
दिल अब उस दिल-शिकन के पास कहाँ