पूछता कौन है डरता है तू ऐ यार अबस
पूछता कौन है डरता है तू ऐ यार अबस
क़त्ल करने से मिरे है तुझे इंकार अबस
क्या मिरी आँख अदम बीच लगी थी ऐ चर्ख़
किया उस ख़्वाब से तू ने मुझे बेदार अबस
वस्ल ही उस का दवा है मिरी बीमारी को
और कुछ करते हैं तदबीर ये ग़म-ख़्वार अबस
यार तन्हा है फिर ऐसा नहीं मिलने का वक़्त
शर्म होती है मेरी मान-ए-गुफ़्तार अबस
और भी उन ने 'बयाँ' ज़ुल्म कुछ अफ़्ज़ूद किया
किया उस शोख़ से तीं इश्क़ का इज़हार अबस
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