Hope Poetry of Basit Bhopali
नाम | बासित भोपाली |
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अंग्रेज़ी नाम | Basit Bhopali |
ज़ब्त-ए-ग़म कर भी लिया तो क्या किया
उन का बर्बाद-ए-करम कहने के क़ाबिल हो गया
शौक़ को बे-अदब किया इश्क़ को हौसला दिया
नहीं ये जल्वा-हा-ए-राज़-ए-इरफ़ाँ देखने वाले
कुछ सिला ही न मिला इश्क़ में जल जाने का
कोई मेयार-ए-मोहब्बत न रहा मेरे बा'द
इश्क़-ए-सितम-परस्त क्या हुस्न-ए-सितम-शिआ'र क्या
हयात-ओ-मौत का इक सिलसिला है
हर तरफ़ सोज़ का अंदाज़ जुदागाना है