Heart Broken Poetry of Bashiruddin Ahmad Dehlvi
नाम | बशीरुद्दीन अहमद देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bashiruddin Ahmad Dehlvi |
चराग़ उस ने बुझा भी दिया जला भी दिया
बंधन सा इक बँधा था रग-ओ-पय से जिस्म में
ज़ौक़-ए-उल्फ़त अब भी है राहत का अरमाँ अब भी है
वो अपने मतलब की कह रहे हैं ज़बान पर गो है बात मेरी
लड़ ही जाए किसी निगार से आँख
कौन कहता है नसीम-ए-सहरी आती है
है दुनिया में ज़बाँ मेरी अगर बंद
चराग़ उस ने बुझा भी दिया जला भी दिया