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मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा - बशीर फ़ारूक़ी कविता - Darsaal

मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा

मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा

बस उतनी देर मिरा दिल भी मेरे पास रहा

अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा

तमाम उम्र वो होंटों पे बन के प्यास रहा

मुझे ये ख़ौफ़ था वो कुछ सवाल कर देगा

मैं देख कर भी उसे उस से ना-शनास रहा

तमाम रात अजब इंतिशार में गुज़री

तसव्वुरात में दहशत रही हिरास रहा

गले लगा के समुंदर हसीन कश्ती को

सुकूत-ए-तीरा-फ़ज़ाई में बद-हवास रहा

'बशीर' मैं उसे किस तरहा बे-वफ़ा कह दूँ

निगाह बन के जो इस दिल के आस पास रहा

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Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha In Hindi By Famous Poet Bashir Farooqi. Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha is written by Bashir Farooqi. Complete Poem Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha in Hindi by Bashir Farooqi. Download free Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha Poem for Youth in PDF. Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Jitni Der Teri Yaad Mein Udas Raha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.