Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_64d74cc2dded801c4a8c3aaafef33305, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
शो'ला-ए-गुल गुलाब शो'ला क्या - बशीर बद्र कविता - Darsaal

शो'ला-ए-गुल गुलाब शो'ला क्या

शो'ला-ए-गुल गुलाब शो'ला क्या

आग और फूल का ये रिश्ता क्या

तुम मिरी ज़िंदगी हो ये सच है

ज़िंदगी का मगर भरोसा क्या

कितनी सदियों की क़िस्मतों का मैं

कोई समझे बिसात-ए-लम्हा क्या

जो न आदाब-ए-दुश्मनी जाने

दोस्ती का उसे सलीक़ा क्या

काम की पूछते हो गर साहब

आशिक़ी के अलावा पेशा क्या

बात मतलब की सब समझते हैं

साहब-ए-नश्शा ग़र्क़-ए-बादा क्या

दिल-दुखों को सभी सताते हैं

शे'र क्या गीत क्या फ़साना क्या

सब हैं किरदार इक कहानी के

वर्ना शैतान क्या फ़रिश्ता क्या

दिन हक़ीक़त का एक जल्वा है

रात भी है उसी का पर्दा क्या

तू ने मुझ से कोई सवाल किया

कारवान-ए-हयात-ए-रफ़्ता क्या

जान कर हम 'बशीर-बद्र' हुए

इस में तक़दीर का नविश्ता क्या

(1078) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya In Hindi By Famous Poet Bashir Badr. Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya is written by Bashir Badr. Complete Poem Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya in Hindi by Bashir Badr. Download free Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya Poem for Youth in PDF. Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya is a Poem on Inspiration for young students. Share Shoala-e-gul Gulab Shoala Kya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.