Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7de5b73cac9572d918b28b3f3f953049, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नज़र से गुफ़्तुगू ख़ामोश लब तुम्हारी तरह - बशीर बद्र कविता - Darsaal

नज़र से गुफ़्तुगू ख़ामोश लब तुम्हारी तरह

नज़र से गुफ़्तुगू ख़ामोश लब तुम्हारी तरह

ग़ज़ल ने सीखे हैं अंदाज़ सब तुम्हारी तरह

जो प्यास तेज़ हो तो रेत भी है चादर-ए-आब

दिखाई दूर से देते हैं सब तुम्हारी तरह

बुला रहा है ज़माना मगर तरसता हूँ

कोई पुकारे मुझे बे-सबब तुम्हारी तरह

हवा की तरह मैं बे-ताब हूँ कि शाख़-ए-गुलाब

लहकती है मिरी आहट पे अब तुम्हारी तरह

मिसाल-ए-वक़्त में तस्वीर-ए-सुब्ह-ओ-शाम हूँ अब

मिरे वजूद पे छाई है शब तुम्हारी तरह

सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर

कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह

(1267) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah In Hindi By Famous Poet Bashir Badr. Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah is written by Bashir Badr. Complete Poem Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah in Hindi by Bashir Badr. Download free Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah Poem for Youth in PDF. Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah is a Poem on Inspiration for young students. Share Nazar Se Guftugu KHamosh Lab Tumhaari Tarah with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.