मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो
मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूटे हो
इक दीवार पे चाँद टिका था
मैं ये समझा तुम बैठे हो
उजले उजले फूल खिले थे
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो
मुझ को शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो
दिल का हाल पढ़ा चेहरे से
साहिल से लहरें गिनते हो
तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे
बच्चों सी बातें करते हो
(1185) Peoples Rate This