Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_29b36cd910178290383eb73d6421c3e6, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है - बशीर बद्र कविता - Darsaal

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है

कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है

यूँही रोज़ मिलने की आरज़ू बड़ी रख-रखाव की गुफ़्तुगू

ये शराफ़तें नहीं बे-ग़रज़ इसे आप से कोई काम है

कहाँ अब दुआओं की बरकतें वो नसीहतें वो हिदायतें

ये मुतालबों का ख़ुलूस है ये ज़रूरतों का सलाम है

वो दिलों में आग लगाएगा मैं दिलों की आग बुझाऊंगा

उसे अपने काम से काम है मुझे अपने काम से काम है

न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल कर

कई साल बा'द मिले हैं हम तिरे नाम आज की शाम है

कोई नग़्मा धूप के गाँव सा कोई नग़्मा शाम की छाँव सा

ज़रा इन परिंदों से पूछना ये कलाम किस का कलाम है

(4488) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai In Hindi By Famous Poet Bashir Badr. Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai is written by Bashir Badr. Complete Poem Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai in Hindi by Bashir Badr. Download free Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai Poem for Youth in PDF. Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Hai Ajib Shahr Ki Zindagi Na Safar Raha Na Qayam Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.