Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_98590477392c87349ee4c83b2f9753d9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
फ़लक से चाँद सितारों से जाम लेना है - बशीर बद्र कविता - Darsaal

फ़लक से चाँद सितारों से जाम लेना है

फ़लक से चाँद सितारों से जाम लेना है

मुझे सहर से नई एक शाम लेना है

किसे ख़बर कि फ़रिश्ते ग़ज़ल समझते हैं

ख़ुदा के सामने काफ़िर का नाम लेना है

मुआमला है तिरा बदतरीन दुश्मन से

मिरे अज़ीज़ मोहब्बत से काम लेना है

महकती ज़ुल्फ़ों से ख़ुशबू चमकती आँख से धूप

शबों से जाम-ए-सहर का सलाम लेना है

तुम्हारी चाल की आहिस्तगी के लहजे में

सुख़न से दिल को मसलने का काम लेना है

नहीं मैं 'मीर' के दर पर कभी नहीं जाता

मुझे ख़ुदा से ग़ज़ल का कलाम लेना है

बड़े सलीक़े से नोटों में उस को तुल्वा कर

अमीर-ए-शहर से अब इंतिक़ाम लेना है

(1100) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai In Hindi By Famous Poet Bashir Badr. Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai is written by Bashir Badr. Complete Poem Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai in Hindi by Bashir Badr. Download free Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai Poem for Youth in PDF. Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Falak Se Chand Sitaron Se Jam Lena Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.