Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7996fb5d780c590884ce86496c5d6475, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दूर तक चारों तरफ़ मेरे सिवा कोई न था - बशीर अहमद बशीर कविता - Darsaal

दूर तक चारों तरफ़ मेरे सिवा कोई न था

दूर तक चारों तरफ़ मेरे सिवा कोई न था

फिर पलक झपकी तो क्या देखा कि ख़ुद मैं भी न था

इक तड़प बिजली की और दीवार-ओ-दर मिट्टी के ढेर

इक तड़प शो'ले की और दरियाओं में पानी न था

दाएरे बनती सदाएँ छू के जब हद्द-ए-उफ़ुक़

अपने मरकज़ की तरफ़ लौटीं तो कुछ बाक़ी न था

क़ैद-ए-ज़़िंदान-ए-जसद में था ये कब कश्फ़-ए-वजूद

और भी कुछ था मैं सिर्फ़ इक पैकर-ए-ख़ाकी न था

क्या ख़बर तुम ने कहाँ किस रूप में देखा मुझे

मैं कहीं मोती कहीं पत्थर कहीं आईना था

दें हिसाब-ए-रोज़-ओ-शब क्या उस को जिस के दर्द से

कोई साअत कोई लम्हा कोई पल ख़ाली न था

आरज़ू लाल-ओ-गुहर की किस लिए करता 'बशीर'

हर्फ़-ओ-मा'नी का ख़ज़ीना क्या उसे काफ़ी न था

(1100) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha In Hindi By Famous Poet Basheer Ahmad Basheer. Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha is written by Basheer Ahmad Basheer. Complete Poem Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha in Hindi by Basheer Ahmad Basheer. Download free Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha Poem for Youth in PDF. Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Dur Tak Chaaron Taraf Mere Siwa Koi Na Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.