Heart Broken Poetry of Basheer Ahmad Basheer
नाम | बशीर अहमद बशीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Basheer Ahmad Basheer |
या मह-ओ-साल की दीवार गिरा दी जाए
क़र्या क़र्या ख़ाक उड़ाई कूचा-गर्द फ़क़ीर हुए
कैसी कैसी थीं उन्ही गलियों में ज़ेबा सूरतें
जुदा भी हो के वो इक पल कभी जुदा न हुआ
जी नहीं लगता किताबों में किताबें क्या करें
इन चटख़्ते पत्थरों पर पाँव धरना ध्यान से
हर गाम पे आवारगी-ओ-दर-ब-दरी में
गिरफ़्त-ए-ज़ीस्त में हूँ क़ैद-ए-बे-हिसार में हूँ
इक बे-सबात अक्स बना बे-निशाँ गया
दूर तक चारों तरफ़ मेरे सिवा कोई न था
ऐसा तह-ए-अफ़्लाक ख़राबा नहीं कोई