फिरकी
आओ आओ फिरकी बनाएँ
और हवा में ख़ूब नचाएँ
आओ चलें और काग़ज़ लाएँ
नीला पीला काग़ज़ लाएँ
लालू पीला काग़ज़ लाए
कालू नीला काग़ज़ लाए
लालू जा कर क़ैंची लाए
कालू जा कर लेई लाए
लालू ने फिर काग़ज़ काटे
आड़े-तिरछे टेढ़े बाँके
फिर इन सब टुकड़ों को मोड़ा
और सब को लेई से जोड़ा
लो अब वो तय्यार है फिरकी
पीली पीली नीली नीली
ऐसी फिरकी बनाई सब ने
फुलवारी में फूल हों जैसे
लालू ने ली पीली फिरकी
कालू ने ली नीली फिरकी
इक बच्ची थी पीली फिरकी
वो आ कर राजू ने ले ली
लालू भी ख़ुश कालू भी ख़ुश
नन्हे मुन्ने से राजू भी ख़ुश
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