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बुढ़िया और चिड़िया की कहानी - बरकत अली फ़ीराकी कविता - Darsaal

बुढ़िया और चिड़िया की कहानी

आओ बच्चो गीत सुनाएँ

गीत सुनाएँ ख़ूब हंसाएँ

इक बुढ़िया ने चिड़िया पाली

नन्ही-मुन्नी भोली-भाली

बुढ़िया बैठी खीर पकाती

चिड़िया उस को गीत सुनाती

इक दिन बुढ़िया भूकी आई

जल्दी जल्दी खीर पकाई

मुँह धो कर वो खाने बैठी

चिड़िया गीत सुनाने बैठी

बुढ़िया ने सब कुछ खा डाला

चिड़िया को भूका ही टाला

चिड़िया जब पिंजरे में आई

भूक से उस को नींद न आई

चूँ-चूँ चूँ-चूँ कर के रोई

सारी रात उसी में खोई

सुब्ह हुई और मुर्ग़ा बोला

बुढ़िया ने जब पिंजरा खोला

प्यार से जब उस ने चुमकारा

चिड़िया ने चोंचों से मारा

बुढ़िया भागी घर में आई

मुट्ठी भर कर दाना लाई

जब बुढ़िया ने दाना खिलाया

तब चिड़िया ने गीत सुनाया

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BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani In Hindi By Famous Poet Barkat Ali Firaqi. BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani is written by Barkat Ali Firaqi. Complete Poem BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani in Hindi by Barkat Ali Firaqi. Download free BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani Poem for Youth in PDF. BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani is a Poem on Inspiration for young students. Share BuDhiya Aur ChiDiya Ki Kahani with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.