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Baqaullah 'Baqa' Sad In Hindi - Best Sad Of Baqaullah 'Baqa' Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Sad Poetry of Baqaullah 'Baqa'

Sad Poetry of Baqaullah 'Baqa'
नामबक़ा उल्लाह 'बक़ा'
अंग्रेज़ी नामBaqaullah 'Baqa'

इश्क़ ने मंसब लिखे जिस दिन मिरी तक़दीर में

है दिल में घर को शहर से सहरा में ले चलें

है दिल में घर को शहर से सहरा में ले चलें

ये रुख़-ए-यार नहीं ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ के तले

सिपाह-ए-इशरत पे फ़ौज-ए-ग़म ने जो मिल के मरकब बहम उठाए

सीखा जो क़लम से न-ए-ख़ाली का बजाना

रखता है यूँ वो ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम दोश पर

रह-रवाँ कहते हैं जिस को जरस-ए-महमिल है

मुझे तो इश्क़ में अब ऐश-ओ-ग़म बराबर है

जो तुम और सुब्ह और गुलनार-ए-ख़ंदाँ हो के मिल बैठे

जो जहाँ के आइना हैं दिल उन्हों के सादा हैं

जब मेरे दिल जिगर की तिलिस्में बनाइयाँ

इश्क़ में बू है किबरियाई की

हाँ मियाँ सच है तुम्हारी तो बला ही जाने

ग़ैरत-ए-गुल है तू और चाक-गरेबाँ हम हैं

दिल ख़ूँ है ग़म से और जिगर यक-न-शुद दो-शुद

दिल ख़ूँ है ग़म से और जिगर यक न-शुद दो शुद

दस्त-ए-नासेह जो मिरे जेब को इस बार लगा

आवे जो नाज़ से मिरा वो बुत-ए-सीम-बर ब-बर

आवे जो नाज़ से मिरा वो बुत-ए-सीम-बर ब-बर

बक़ा उल्लाह 'बक़ा' Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बक़ा उल्लाह 'बक़ा'. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बक़ा उल्लाह 'बक़ा'. Share the बक़ा उल्लाह 'बक़ा' Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.