रुश्द-ए-बातिन की तलब है तो कर ऐ शैख़ वो काम
रुश्द-ए-बातिन की तलब है तो कर ऐ शैख़ वो काम
पीर-ए-मय-ख़ाना जो ज़ाहिर में कुछ इरशाद करे
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रुश्द-ए-बातिन की तलब है तो कर ऐ शैख़ वो काम
पीर-ए-मय-ख़ाना जो ज़ाहिर में कुछ इरशाद करे
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